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Thursday, April 11, 2013

Happy Birthday, Maku!

There might be some spelling errors here in bengali as I am not an expert...so pardon me!

আমি তখন ছোটো ছিলাম, একা একা লাগত প্রায়েই...
আমার সঙ্গ তুমি কত দিয়েছ মাকু সে বোধয় তুমি নিজে ও জান না...
তোমাকে জালিয়েছি খুব, খামচেছি আর ওনেক সময় চিমটি ও কেটেছি ...
সেই ছোটবেলার সৃতি গুলো মধু র মত চোখে লেগে আছে এখন ...
আমি তোমায় ফোন করি না, চিঠি ও দি না, কিন্তু জানো মাকু ক'বার হয় যে তোমাকে নিজের কাছে বসা ভেবে কি একটা কথা বলে উঠি...
তবে আছ তুমি আমার ই পাসে দাড়িয়ে মাকু সে আমি জানি...
কাল তোমার জন্মদিন ফোন আমি করব ঠিক'ই... 
কিন্তু বলতে বোধয় এখনো পারব না যে কী তুমি আমার কাছে...
আমার ভাই, দাদা, বোন, দিদি, কাকা, মামা, বন্ধু আর ও কত কিছু...
কিন্তু এইরকম কোনো কিছু ডেফিনেশন দিয়ে আর কি কোনো লাভ আছে মাকু...
শুধু মাত্র এই বললাম তবে, খুব মনে পরে অনেক সময় তোমাকে...

For my friends who are not so familiar with bangla script...


Ami tokhon chhoto chhilam, aka aka lagto prayei... 
amar shongo tumi koto diyechho maku shey bodhay tumi nije o jaano na... 
tomake jaaliyechhi khub, khaamchechhi aar onek shomoy chimti o ketechhi... 
shei chhotobelar sriti gulo madhur moto chokhe lege aache akhono... 
ami tomaay phone kori na, chithhi o likhi na, kintu jaano maku kobaar hoye je tomake nijer kachhe bosha bhebe ki ekta kotha bole uthi...
tobe achho tumi aamar pashe daariye maku shey ami jaani... 
kaal tomar jonmodin fone ami korbo theek e.. 
kintu bolte bodhay akhono paarbo na j ki tumi amaar kachhe... 
amar bhai, dada, bon, didi, kaka, mama, bondhu aar o koto kichhu...
kintu eirokom definition diye aar ki kono laabh aachhe maku?
shudhu matro ei bollam tobe, khoob mone pode onek shomoy tomake...

I have tried here my hand at translation, a very awkward one...some emotions are meant for certain languages I believe...here goes...


तब बहुत छोटी सी थी मैं...अक्सर अकेला पाती थी ख़ुद को...
आपने तब मेरा कितना साथ दिया है माकू ये शायद आप ख़ुद भी नहीं जानते...
आपको बहोत परेशान किया है, कभी नोचा और कई बार चूंटी भी काटी है...
वो बचपन की मीठी मीठी यादें मीठे मीठे शहद की तरह पलकों के कोरों में छुपी रहती हैं...
मैं आपको फ़ोन नहीं करती, चिट्ठी भी नहीं लिखती, पर क्या आप जानते हो माकू कई बार ऐसा होता है की आपको अपने पास बैठा सोचकर कुछ यूँ ही अजब सा पूछ बैठती हूँ...
पर आप यहीं मेरे पास मेरे साथ मेरे लिए हमेशा हो ये मैं जानती हूँ...
कल आपका बर्थडे है, फ़ोन भी पक्का करुँगी ही...
पर शायद तब भी ये नहीं बता पाऊँगी, समझा पाऊँगी के आप मेरे लिए क्या हो...
मेरे बड़े भाई, मेरे छोटे भाई, मेरी छोटी बहन, मेरी बड़ी दीदी, मेरे चाचा, मेरे मामा, मेरे दोस्त और भी बहोत कुछ...
पर ऐसी कोई डेफिनिशन देकर अब कोई फायदा है माकू???
सिर्फ़ ये ही कहती हूँ फ़िर, कभी कभी बहोत याद आती है आपकी...

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